कैसे करें Cholesterol कम क्या खाएं, क्या न खाएं
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आज के समय में अनियमित खानपान, तनाव और व्यायाम की कमी के कारण कोलेस्ट्रॉल की समस्या बहुत आम हो गई है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर अगर समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और यहां तक कि स्ट्रोक का भी कारण बन सकता है।
अच्छी बात यह है कि कोलेस्ट्रॉल को दवाओं पर निर्भर हुए बिना भी कंट्रोल किया जा सकता है, अगर आप कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें।
इस लेख में हम जानेंगे कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए क्या खाएं, क्या न खाएं और किन आयुर्वेदिक तरीकों से आप अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं।
क्या खाएं – जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करें
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फाइबर से भरपूर आहार लें: घुलनशील फाइबर (Soluble Fiber) शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बाहर निकालने में मदद करता है।
उदाहरण: ओट्स, जौ, सेब, दालें, सब्जियां और सिट्रस फल। - नट्स और बीज शामिल करें: बादाम, अखरोट, अलसी के बीज, चिया सीड्स आदि में हेल्दी फैट्स होते हैं जो हृदय को फायदा पहुंचाते हैं।
- साबुत अनाज खाएं: ब्राउन राइस, रागी, बाजरा और क्विनोआ जैसे साबुत अनाज कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस करते हैं।
- हरी सब्जियाँ और फल: इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स धमनियों को साफ रखने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- हेल्दी फैट्स का चयन करें: जैतून का तेल, सरसों का तेल, एवोकाडो जैसे स्रोतों से मोनो-अनसैचुरेटेड फैट्स लें।
क्या न खाएं – जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं
- डीप फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड्स: जैसे समोसे, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज और पैकेज्ड स्नैक्स – इनमें ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स अधिक होते हैं।
- रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट: सॉसेज, बेकन, हॉट डॉग – ये चीजें बैड कोलेस्ट्रॉल को तेजी से बढ़ाती हैं।
- फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स: मक्खन, मलाई, चीज़ जैसी चीज़ों की जगह लो-फैट विकल्प चुनें।
- बेकरी आइटम्स और मिठाइयाँ: पेस्ट्री, केक, कुकीज़ और अधिक चीनी वाली चीजों से दूरी बनाएं।
लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं
- नियमित व्यायाम करें: रोज़ाना 30 मिनट चलना, योग करना या हल्का कार्डियो भी कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करने में मदद करता है।
- धूम्रपान और शराब से परहेज करें: यह आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को कम करते हैं।
- तनाव को कम करें: क्रॉनिक स्ट्रेस से शरीर में सूजन और कोलेस्ट्रॉल दोनों बढ़ सकते हैं। ध्यान और प्राणायाम इसमें मददगार हैं।
- पर्याप्त नींद लें: 7–8 घंटे की अच्छी नींद हार्मोन बैलेंस रखने और शरीर को ठीक से काम करने में मदद करती है।
आयुर्वेद का योगदान – जड़ी-बूटियों का असर
आयुर्वेद में कुछ विशेष जड़ी-बूटियाँ ऐसी हैं जो हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण दोनों में उपयोगी मानी जाती हैं। जैसे –
- अर्जुन छाल: जो दिल को मजबूती देती है
- गुग्गुल: जो फैट मेटाबोलिज्म को बेहतर करता है
- लहसुन: जो ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है
इन जड़ी-बूटियों का संयोजन आज की लाइफस्टाइल में बेहद मददगार साबित हो सकता है।
इन्हीं आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित है –
Muditam Ayurveda का Heart Defend Pro
यह एक ऐसा फॉर्मूला है जिसमें अर्जुन, गुग्गुल, लहसुन जैसे प्राकृतिक तत्वों को वैज्ञानिक तरीके से मिलाया गया है।
यह शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने, ब्लड प्रेशर को बैलेंस करने और दिल को ताकत देने में सहयोग कर सकता है।
जिन लोगों को एलोपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट्स की चिंता रहती है, उनके लिए यह एक प्राकृतिक विकल्प हो सकता है।
निष्कर्ष
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना सिर्फ एक गोलियों का काम नहीं है। यह एक जीवनशैली का सवाल है।
सही आहार, नियमित गतिविधि, मानसिक संतुलन और आयुर्वेदिक सहायता – इन चार स्तंभों पर टिके रहकर आप अपने हृदय को स्वस्थ और मजबूत बनाए रख सकते हैं।
छोटे-छोटे बदलाव बड़े परिणाम ला सकते हैं। आज से ही शुरुआत करें – क्योंकि दिल है तो ज़िंदगी है।